The aigiri nandini lyrics in hindi Diaries

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ ॥चौपाई॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

तिन के काज सकल तुम साजा ॥२७॥ और मनोरथ जो कोई लावै ।

शिव आरती

बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि aigiri nandini असुर सँहारे ।

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।

जाके सर पे मुकुट विराज रहे री



The Sikh custom destinations major emphasis on devotional worship to 1 formless God, and Bhajans are an element of the worship.[40] A far more typical kind of Neighborhood singing is termed Shabad Kirtan in Sikhism.

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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